चिरप्रतीक्षित पताही हवाई अड्डे के टेंडर मात्र का श्रेय लेने की होड़

वर्षों से पेंडिंग और चिरप्रतीक्षित मुजफ्फरपुर के पताही एयर पोर्ट के टेंडर की औचारिक प्रक्रिया की घोषणा कल सार्वजनिक कर दी गई.
घोषणा के उपरान्त परस्पर शहर के एक भूतपूर्व विधायक और मंत्री तथा केंद्र में राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद इस टेंडर मात्र का श्रेय लेने के लिए आतुर दिखे.
पिछले चौबीस घंटे के भीषण बारिश ने शहर को डुबो दिया. 80% घरों में तीन फुट तक पानी घुस गए. चारों तरफ अफरातफरी, लोग अपने ही घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हो गए. शहरवासियों के लिए संवेदना का कोई संदेश नहीं,कोई सांत्वना नहीं, पर इस भीषण बारिश में एक भूतपूर्व मंत्री को पताही हवाई अड्डे पर जाकर अपने साथ कुछ लोगों के साथ छाता लगाकर लड्डू बांटने और खाने का वीडियो वायरल हो रहा है।
पूर्व मंत्री जी के बयानों से तो यही लगता है कि उनके बिना यह टेंडर संभव ही नहीं था.
उन्होंने बातचीत के क्रम में इस उपलब्धि के लिए अपने अलावे और किसी का नाम नहीं लिया.
दूसरी तरफ स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री ने सोशल मीडिया पर लाईव आकर इस टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण होने का सारा श्रेय ख़ुद लेते हुए नज़र आए.
उन्होंने इसके लिए कुछ केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त किया.
इन मंत्रियों में उन्होंने एक ऐसे मंत्री का भी आभार प्रगट किया जो उन्हीं के मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं।
क्या केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का एक एयरपोर्ट निर्माण में कोई भूमिका हो सकती है?
चुनाव की घोषणा होने से मात्र दो तीन दिन पूर्व आनन फानन में टेंडर की औचारिकता पूरी करने की कहानी से पब्लिक भलि भांति परिचित है. इसे दर्जनों उदाहरण हैं जब एक ही प्रोजेक्ट का दर्जनों बार टेंडर हुआ है.
ईश्वर न करे पताही एयर पोर्ट के टेंडर की इस प्रक्रिया पर ग्रहण लगे.
अब पाठक ही बताएं कि श्रेय लेने की होड़ कहां तक उचित है और यदि इसका श्रेय दिया भी जाए तो किसको?
City News Desk - Gobarsahi Times : GTNews18